मतदाता सूची शुद्धिकरण अभियान : 4 दिसंबर तक अपना काम खुद कर लीजिए, बाद में रोने से कुछ नहीं होगा!
जागरूक मतदाताओं
किसी नेता, घाघ राजनीतिज्ञ या भ्रमित व्यक्ति के बहकावे में न आएँ। कुछ तथाकथित “शोषण मीडिया” और सोशण मीडिया ट्रोलर योद्धा जो हमेशा देश-विरोधी विचारधाराओं को हवा देते रहते हैं। उनके झाँसे में मत आइए। कोई बहाना मत बनाइए।
4 दिसंबर 2025 तक अपना काम खुद निपटा लीजिए।
- अपने क्षेत्र के BLO को खुद ढूंढिए
- फॉर्म जो BLO से लीजिए. खुद भरिए या BLO को सही-सही जानकारी देकर भरवा लीजिए
- पढ़े-लिखे हैं तो पड़ोसियों व बुजुर्गों की मदद भी कर दीजिए
यह किसी BLO के बेटे का मुंडन नहीं है कि न्योता आने पर फॉर्म भरेंगे। यह आपका वोट है, आपका हक है, आपकी जिम्मेदारी है।
इस अभियान का सबसे बड़ा उद्देश्य
1. डुप्लीकेट वोटर ID को पूरी तरह खत्म करना
जो अधिकांशत पैतृक निवास और बाद में कहीं अन्य शहरों में शिफ्ट हुए लोगों के वोट होते हैं।
2. मृत व्यक्तियों के नाम हटाना।
3. बांग्लादेशी, रोहिंग्या, पाकिस्तानी और अन्य अवैध घुसपैठियों के फर्जी वोटर कार्ड को जड़ से खत्म करना
जो लोग अवैध तरीके से भारत में घुसे और फर्जी आधार/दस्तावेजों से वोटर लिस्ट में नाम डलवाकर हमारे लोकतंत्र को दूषित कर रहे थे, उनके नाम अब तेजी से हटाए जा रहे हैं। यही लोग बाद में वोट चोरी, EVM हैकिंग का सबसे बड़ा रोना रोते हैं, क्योंकि अब उनका खेल खत्म हो रहा है।
कुछ लोग आज भी क्यों चिल्ला रहे हैं?
- पहले कहते थे – “सारे फर्जी वोट तो भाजपा को जा रहे हैं”
- अब जब बांग्लादेशी-रोहिंग्या-पाकिस्तानी घुसपैठियों के फर्जी वोट हट रहे हैं, तो फिर चिल्ला रहे हैं – “वोट क्यों काट रहे हो?”
मतलब साफ है – जिनके अपने फर्जी वोट कट रहे हैं, वही तिलमिला रहे हैं।
जो लोग खुद फर्जी वोट बनवा रखे हैं या इन घुसपैठियों को बसाकर, पाल-पोसकर वोट बैंक बनाते थे, आज उनका पूरा गणित गड़बड़ा गया है। इसलिए अब ये लोग “लोकतंत्र खतरे में” का नया नारा लेकर आए हैं।
विरोध करने वालों से साफ-साफ सवाल
- घुसपैठिए का वोट बचे या भारतीय नागरिक का हक बचे?
- बांग्लादेशी-रोहिंग्या को वोटिंग का अधिकार चाहिए या नहीं?
- अगर नहीं चाहिए, तो अब जब उनके फर्जी नाम कट रहे हैं तो दिक्कत क्या है?
अगर आप सचमुच बहुत चोरी और डुप्लीकेट वोटो को हटवाना चाहते हैं की कहो –
“हाँ, सभी अवैध घुसपैठियों सहित बहुत से फर्जी फर्जी वोट हटने चाहिए।”
पर आप ऐसा नहीं कहोगे, क्योंकि आपका वोट बैंक ही खतरे में है।
अंतिम अपील
यह अभियान सिर्फ डुप्लीकेट वोट हटाने का नहीं,
भारत के लोकतंत्र को बांग्लादेशी-रोहिंग्या-पाकिस्तानी घुसपैठियों से मुक्त करने का अभियान है।**
इसमें अपना सहयोग दीजिए।
4 दिसंबर तक अपना और परिवार का काम पूरा कर लीजिए।
बाद में “मेरा वोट कट गया” का रोना मत रोइएगा – क्योंकि असली भारतीय का वोट कोई नहीं काट रहा,
काटे जा रहे हैं तो सिर्फ घुसपैठियों और फर्जीवाड़े वाले वोट।
आपका अपना एक आम शिक्षक-BLO
(जो दिन-रात मेहनत करके आपके असली वोट को सुरक्षित और देश को घुसपैठियों से मुक्त करने में लगा है)
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(इस सच्चाई को हर घर तक पहुँचाइए। ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।)

