यूपी बेसिक डिजिटल अवकाश तालिका-2024

हो जन्म दोबारा तो भारत वतन मिले

हो जन्म दोबारा तो भारत वतन मिले,
फिर से यही हिमालय गंगो जमन मिले।

है धूल इसकी चंदन, अमृत है इसका जल,
है शरबती हवाओं में झूमती फसल।
ममता भरी ये गोदी फिर से नसीब हो,
धरती यही मिले फिर से गगन मिले।।

हो जन्म दोबारा तो भारत वतन मिले,
फिर से यही हिमालय गंगो जमन मिले।

इतिहास का हो गौरव वह आन बान हो,
बलिदान की प्रथाएं रण का विधान हो।
क्षणभर झुके न शीश चाहे टूट कर गिरे,
राणा शिवा का तेवर वो बांकपन मिले।

हो जन्म दोबारा तो भारत वतन मिले, 
फिर से यही हिमालय गंगो जमन  मिले।

सौभाग्य देश हित हो फिर प्राण का हवन,
अंतिम समय अधर पर जय हिंद हो वचन।
होकर शहीद इसपे हमारे शरीर को,
फिर तीन रंग वाले ध्वज का कफन मिले।

हो जन्म दोबारा तो भारत वतन मिले, 
फिर से यही हिमालय गंगो जमन मिले।

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